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नारायणपुर में छात्राओं से तीन शिक्षकों ने की आपत्तिजनक हरकतें, तीनों शिक्षक फरार, कांग्रेस ने की कार्रवाई की मांग

नारायणपुर जिले में गुरु और शिष्या के पवित्र रिश्ते को तार-तार करने वाला मामला सामने आया है. नारायणपुर जिले के एड़का गांव में आठवीं की छात्राओं के साथ शिक्षा के मन्दिर में तीन शिक्षकों ने आपत्तिजनक हरकतें की हैं. छात्राओं का आरोप है कि यहां पदस्थ शिक्षक स्कूल में उनके साथ बेड टच, आपत्तिजनक बातचीत, गाली-गलौज और अपशब्दों का इस्तेमाल करते हैं. वहीं इस बात की जानकारी लगने के बाद यूनिसेफ की टीम स्कूल विजिट पर पहुंची, तो छात्राओं ने अपनी आपबीती बताई.

इसके बाद मामले को संज्ञान में लेकर महिला और बाल विकास की बाल संरक्षण की टीम छात्राओं से मिली और उनका बयान दर्ज किया. महिला और बाल विकास की टीम जांच कर मामले की रिपोर्ट पुलिस को सौंप चुकी है, लेकिन पुलिस द्वारा इस मामले पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है और ना ही शिक्षकों पर एफआईआर दर्ज की गई है. जिसको लेकर छात्रों के परिजनों के साथ-साथ नारायणपुर के स्थानीय निवासियों में भी काफी आक्रोश है. पीड़ित छात्राओं के परिजन इस मामले में प्रशासन के सुस्त रवैये से भी नाराज हैं.

मामले ने लिया सियासी रूप
वहीं अब यह घटना राजनीतिक रूप ले लिया है. कांग्रेस ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए बालोद विधायक संगीता सिन्हा के नेतृत्व में तीन महिला विधायकों सहित आठ सदस्यीय जांच टीम गठित की. ये जांच टीम मामले की जांच करने शनिवार को नारायणपुर पहुंची, जहां महिला विधायकों ने पीड़ित छात्राओं से बातचीत की और उनके बयान दर्ज किए. कांग्रेस ने इस मामले में प्रशासन पर तीनों शिक्षकों पर अब तक कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया है. साथ ही नारायणपुर कलेक्टर और एसपी को ज्ञापन देकर मामले पर कार्रवाई करने की मांग की है.

तीनों आरोपी शिक्षक फरार
इस मामले पर जल्द कोई कार्रवाई नहीं होने की सूरत में प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने आगामी दिनों में उग्र प्रदर्शन करने की चेतावनी भी दी है. जिला प्रशासन इस मामले को लेकर कुछ भी कहने से बचता नजर आ रहा है. हालांकि नारायणपुर एसपी प्रभात कुमार का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है. इस मामले में नारायणपुर गोंडवाना समाज, यादव समाज और आम आदमी पार्टी की ओर से भी ज्ञापन सौंपा गया था. बता दें मामले के बाद तीनों ही आरोपी शिक्षक फरार हैं.

बता दे कि बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने एक तरफ सरकार बेटी पढ़ाओ और बेटी बचाओ का नारा दे रही है. वहीं दूसरी तरफ शिक्षकों द्वारा छात्राओं के साथ इस तरह उत्पीड़न जैसी घटनाओं ने छात्राओं की सुरक्षा पर एक बार फिर सवाल खड़ा कर दिया है.

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