छत्तीसगढ़नेता जी का लेखा जोखा

नहीं बन पाया जिला, कांग्रेस की राह आसान या फिर मुश्किल, देखिए भानुप्रतापपुर का लेखा जोखा

छत्तीसगढ़ में फिजाओं में ठंडक बढने के साथ साथ चुनावी सरगर्मी धीरे धीर परवान चढ़ रही है दोनो मुख्य दलों याने भाजपा और कांग्रेस नें चार पांच जगहो को छोडकर अमूमन हर विधानसभा से अपने उम्मीदवार चुनावी रण में उतार दिए है इस रणभूमि याने हर एक विधानसभा सीट की हम पड़ताल कर जानने की कोशिश करेंगे उम्मीदवारों का लेखा जोखा अबकी बार हम पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मंडावी के विधानसभा क्षेत्र भानुप्रतापपुर के बारें में बात करेगे, जिसका प्रतिनिधित्व अब उनकी पत्नी सावित्री मंडावी कर रही हैं
देखे नेता जी का लेखा जोखा

भानूप्रतापपुर विधानसभा को सबसे पहले जानने की कोशिश करते है काकतीय वंश के राजा भानुप्रताप देव के नाम से अपनी पहचान रखने वाला भानुप्रतापपुर जंगलों से घिरा हुआ इलाका है. यहां रहने वाले आदिवासी यहां प्रचुर मात्रा में पाई जाने वाली वनसंपदा पर ही गुजर-बसर करते हैं.
भानुप्रतापपुर विधानसभा में कुल मतदाताओं की संख्या 1 लाख 97 हजार 535 है, जिसमे एक तृतीय लिंग शामिल है. महिला मतदाताओं की संख्या 1 लाख 491 है, वहीं पुरुष मतदाताओं की संख्या 95 हजार 186 है. जातिगत समीकरण की बात करें तो अनुसूचित जनजाति 55 प्रतिशत है, तो पिछड़ा वर्ग 30 प्रतिशत. अन्य की संख्या 15 प्रतिशत है.

2018 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से मनोज मंडावी को 72 हजार 520 वोट मिले थे, वहीं बीजेपी के प्रत्याशी देवलाल दुग्गा को 45 हजार 827 मत प्राप्त हुए थे. कांग्रेस के प्रत्याशी मनोज मंडावी ने 26 हजार 693 वोटों से पछाड़ते हुए जीत हासिल की थी. 2022 में मनोज मंडावी की हार्ट अटैक से मौत के बाद हुए उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर मनोज मंडावी की पत्नी सावित्री मंडावी ने 65 हजार 479 मत हासिल किए. वहीं बीजेपी के ब्रम्हानंद नेताम को 44 हजार 303 मत मिले थे. इस तरह से सावित्री मंडावी ने 21 हजार 171 मतों से जीत हासिल की थी.

भानूप्रतापपुर को जिला बनाए जाने की मांग सालो से चलती आ रही है, इस विधानसभा क्षेत्र से प्रतिदिन हजारों टन लौह अयस्क निकलता है, जिसे लेकर चलने वाले भारी वाहनों की चपेट में आने से आए दिन मासूमों की मौत होती रहती है जिसे लेकर ग्रामीणों में काफी रोष है. विधानसभा क्षेत्र के रहवासियों की सबसे प्रमुख मांग जिला बनाने की है. जो पिछले विधानसभा 2018 में भी काफी गूंजी थी. इसके बाद उपचुनाव 2022 में भी यह मुद्दा काफी गरमाया था. आने वाले चुनाव में भी यह मांग जोर-शोर से उठाने की बात मतदाता करते हैं. यह मांग शहरी मतदाताओं के बीच बड़ा मुद्दा है.

इसके अलावा स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली लोगों के लिए परेशानी का सबब हैं. सबसे ज्यादा परेशानी ग्रामीणों की है, जिन्हें स्वास्थ्य सुविधा के लिए 10 से 15 किमी दूर भानुप्रतापुर जाना पड़ता है.

इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की सबसे ज्यादा समस्या है. खेत के लिए सिंचाई सुविधा नहीं होने से किसानों भगवान भरोसे रहते हैं. इसके अलावा जल जीवन मिशन का भी काम नहीं होने की वजह से लोगों को सहज पानी उपलब्ध नहीं है. पानी के लिए लोगों को मशक्कत करनी पड़ती है.कुल मिलाकर मूलभूत सुविधाए जैसे शिक्षा स्वास्थ्य अच्छी पक्की सड़के मुद्दा तो है ही जिला बनाने का मुद्दा भी 2023 के चुनाव में जरुर गुंजेगा, भानूप्रतापपुर सीट से मनोज मंडावी की पत्नी सावित्री मंडावी को कांग्रेस ने इस बार फिर मैदान में उतारा है उधर बीजेपी ने गौतम उईके उपर दांव लगाई है, लोगो का कहना है की मनोज मंडावी उपर आमजन की सैमप्थी अभी भी कायम है और 2023 के परिणाम भी उपचुनाव के जैसे ही आने वाला है याने कुल मिलाकर देखा जाऐ तो सावित्री मंडावी के लिए यह अच्छी खबर है याने कांग्रेस को फिलहाल भानूप्रतापपुर से कोई नुकसान होता नहीं दिख रहा है कांग्रेस की यह सीट जस की तस बने रहने की संभावना है

ख़बर को शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
news36 से जुड़िए
जोहार...आपकी क्या सहायता कर सकते है