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सब्जी बेचा, गन्ना रस की लगाई दुकान, मां बेचती थी सब्जी पिता चलाते थे रिक्शा, सात बार के दंबग विधायक को चटाई धूल

जीवन में कब-क्या हो जाए इसका अंदाजा किसी को नहीं होता है. व्यक्ति कब फर्श से अर्श पर पहुंच जाए, इसका ताजा उदाहरण हैं छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले के साजा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतकर एमएलए बने ईश्वर साहू. पांचवीं तक पढ़े ईश्वर साहू ने गरीबी को काफी नजदीक से देखा है, उनके संघर्षमय जीवन के 30 साल नागपुर में बीते ईश्वर साहू के अनुसार 15-16 साल की उम्र में ही वे पिताजी के साथ नागपुर आ गए थे और सब्जी मंडी जाना शुरू कर दिया था. वह घर से कमजोर और गरीब परिवार से रहा, चार भाई और एक बहन परिवार में थे. पिताजी नागपुर में खाने-कमाने के लिए जाते थे, नागपुर में मां सब्जी बेचती थी और पिता रिक्शा चलाते थे. कलमना मार्केट के पास विजय नगर में निवास था. साहू ने बताया कि कॉटन मार्केट में एक गन्ना रस की दूकान चलाई और करीब एक किलोमीटर तक हाथ में गन्ने के रस के गिलास लेकर बेचने जाता था. इसके लिए 15 रुपए रोज मिलते थे. इसके बाद कॉटन मार्केट से लगकर संतरा मार्केट में भी काम किया. यहां पर एक दिन के 30 रुपए मिलते थे. इसके साथ ही उन्होंने कूलर बेचने वाली दुकान में भी काम किया. साहू ने बताया कि पिताजी रिक्शा चलाते थे तो मैं भी रिक्शा चलाना सीखा और फिर एक रिक्शा से बढाकर पांच रिक्शा बनाया.

2018 तक रहे नागपुर में
90 के दशक में वे नागपुर आए, 1993 से 2018 तक लगातार आरेंज सिटी रहकर करीब 30 साल गुजारे. बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस, नितिन गडकरी और चंद्रशेखर बावनकुले के यहां भी सब्जी पहुंचाई. नागपुर में प्लॉट भी लिया और यहां रहते हुए शादी भी हुई और तीन बच्चों की परवरिश भी नागपुर में ही हुई. रात-रातभर काम किया. बाद में गांव लौटा. साहू ने कहा कि मैं तो हिम्मत हार चुका था लेकिन बीजेपी के शीर्ष नेताओं ने जो इतनी बड़ी जिम्मेदारी मुझे दी, मेरे लिए ये भगवान का चमत्कार ही समझ रहा हूं.

7 बार के विधायक को हराया
छत्तीसगढ़ में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान साजा विधानसभा से प्रत्याशी बने मजदूर ईश्वर साहू ने भूपेश बघेल सरकार के कृषि मंत्री रवींद्र चौबे को पराजित किया. ईश्वर साहू का रवींद्र चौबे को हराना इसलिए भी मायने रखता है कि वह 7 बार विधायक रह चुके हैं. वहीं ईश्वर साहू ने इस चुनाव से पहले कोई भी चुनाव नहीं लड़ा. साहू ने 5,000 से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की. ईश्वर को यहां 1,01,789 वोट मिले, जबकि रवींद्र चौबे 96,593 वोटों पर ही सिमट गए. दोनों के बीच 5,196 वोटों का अंतर रहा.

दंगों में बेटे को खोया
गौरतलब है कि अप्रैल 2023 में बेमेतरा के साजा विधानसभा क्षेत्र के बिरनपुर इलाके में सांप्रदायिक दंगे भड़क गए थे. जानकारी के अनुसार एक स्कूल से शुरू हुई मारपीट की घटना सांप्रदायिक दंगे में बदल गई थी. इसमें 3 लोगों की मौत हुई थी, उनमें से एक ईश्वर साहू के बेटे भुवनेश्वर भी थे.

गृह मंत्री शाह ने की थी रैली
साजा विधानसभा में चुनाव प्रचार के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने ईश्वर साहू के पक्ष में रैली की थी. साहू प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देवता तुल्य मानते हैं.

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