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Chhattisgarh – छत्तीसगढ़ में ‘राम वन गमन पथ’ का बदलेगा नक्शा, भाजपा सरकार करने जा रही है बदलाव, मंत्री ने कहा भष्ट्राचार के लिए बनाया गया था मनमुताबिक मार्ग

छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार की वापसी के साथ कांग्रेस के समय के कई योजनाओं को या तो बंद कर रही है या उसमें बदलाव करने जा रही है इसी क्रम में अब भाजपा सरकार ‘राम वन गमन पथ’ मार्ग बदलने की तैयारी कर रही है, बताया जा रहा है इसका प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश सरकार द्वारा दिए जा चुके है

बता दे कि भाजपा सरकार ने राम वन गमन पथ के लिए एक समिति बनाई थी। उसी समिति की रिपोर्ट के अनुसार ही नया प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश राज्य शासन ने छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के अधिकारियों को दिए हैं। पर्यटन मंडल के अधिकारियों ने शासन से मिले निर्देश को अमल में लाना भी शुरू कर दिया है।

भष्ट्राचार कर सके इस लिहाज से बनाया गया था मार्ग – बृजमोहन अग्रवाल
धर्मस्व एवं पर्यटन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि, कांग्रेस सरकार ने पैसा कमाने के लिए अपने हिसाब से मार्ग तय किया था। राम वन गमन पथ मार्ग सही बने, इसलिए बीजेपी शासन में समिति की ओर से किए गए सर्वे के आधार पर ही इसे आगे बढ़ाया जाएगा।

भाजपा सरकार में बनी थी रिपोर्ट, स्वीकृति से पहले बदल गई थी सरकार
रमन सिंह सरकार के कहने पर समिति ने छत्तीसगढ़ में श्रीराम ने जहां-जहां वनवास का समय बिताया, उसकी विस्तृत रिपोर्ट बनाकर सौंपी थी। इस रिपोर्ट को केंद्र से स्वीकृति नहीं मिल पाई और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बन गई। अब फिर भाजपा सरकार आने के बाद नए सिरे से तैयारी चल रही है।

तत्कालीन सीएम बघेल ने किया था योजना का उद्घाटन
तत्कालीन सीएम भूपेश बघेल ने 7 अक्टूबर, 2021 को भगवान श्रीराम के वनवास काल से जुड़े स्थलों को विकसित करने की योजना का शुभारंभ किया था। इसकी शुरुआत माता कौशल्या की नगरी चंदखुरी से की गई। राम वन गमन पथ के विकास के लिए 162 करोड़ रुपए का प्रस्ताव बनाया गया। इससे करीब 2260 किमी क्षेत्र कार्य होने थे।

इन जगहों पर चल रहा काम
परियोजना के तहत सीतामढ़ी हरचौका (कोरिया), रामगढ़ (सरगुजा), शिवरीनारायण (जांजगीर-चांपा), तुरतुरिया (बलौदाबाज़ार), चंदखुरी (रायपुर), राजिम (गरियाबंद), सिहावा सप्तऋषि आश्रम (धमतरी), जगदलपुर (बस्तर) और रामाराम (सुकमा) का 13 स्थानों का विकास किया जा रहा है।

75 स्थानों को किया गया था चिह्नित
कांग्रेस सरकार ने राम वन गमन पथ से जुड़ी जगहों के साथ 75 जगहों को चिन्हित किया था। इसे नए पर्यटन सर्किट के रूप में विकसित करना था। पहले चरण में नौ जगहों पर काम चल रहा है। इसमें उत्तरी छत्तीसगढ़ में कोरिया से लेकर दक्षिण में सुकमा तक शामिल है।

इन स्थानों में 30 प्रतिशत काम हो चुका
पर्यटन मंडल के अधिकारियों के अनुसार, जो स्थान चिह्नित किए गए, उनमें सीतामढ़ी-हरचौका (कोरिया), रामगढ़ (अंबिकापुर), शिवरी नारायण (जांजगीर-चांपा), तुरतुरिया (बलौदाबाजार), चंदखुरी (रायपुर), राजिम (गरियाबंद), सिहावा-साऋषि आश्रम (धमतरी), जगदलपुर (बस्तर) और रामाराम (सुकमा) शामिल हैं।

इसमें से चंद्रपुरी रायपुर में कार्य शुरू हो चुका है, जहां लगभग 30 प्रतिशत से ज्यादा कार्य पूर्ण हो चुके हैं। वहीं शिवरीनारायण के साथ राजिम और तुरतुरिया में भी काम जारी है।

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